ऑल नोबेलियंस एलुमनी एसोसिएशन (एएनएए-टीजी) मुंबई चैप्टर की तीसरी एलुमनी रियूनियन कोलाबा स्थित एओएमआई ऑफिसर्स क्लब में हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुई। इस पुनर्मिलन समारोह में करीब 50 एलुमनी और उनके परिवार सदस्य शामिल हुए, और तीन सेवानिवृत्त प्रशिक्षकों ने भी भाग लिया।
समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर की गई, जिसमें डी नोबिली स्कूल सिजुआ के डॉ. सुरेंद्र नाथ उपाध्याय, सौमेन मंडल, और सीएमआर आई ब्रांच की राजश्री वीसा को सम्मानित किया गया। इसके बाद, वरीय एलुमनी 1967, 1973, और 1974 बैच के सदस्यों ने केक काटा, जिनमें आर. वर्णमाली, आनंद गोखले, कल्याण रॉय, तेजेश मेवाड़ और सयेद अबदी शामिल थे। सिल्वर जुबली बैच (1998, 1999, 2000) के एलुमनी ने अपनी 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर दूसरा केक काटा। इन बैचों में दिवाकर अगरवाला, श्रीनिवास झा, कीर्ति नायक, अपूर्व सौरव और मयंक सिंह शामिल थे।
इस आयोजन में उपस्थित सभी एलुमनी को प्रशिक्षकों द्वारा मोमेंटो दिए गए और साथ ही फोटो खिंचवाने का अवसर भी मिला, जिससे हर किसी की आँखों में पुरानी यादें ताजा हो गईं। नेटवर्किंग, और “नो योर डी नोबिली” क्विज़ ने सभी को एक-दूसरे से जुड़ने और पुराने अनुभवों को साझा करने का शानदार मौका दिया।
रियूनियन में देशभर के विभिन्न शहरों जैसे मुंबई, पुणे, दिल्ली, देहरादून, धनबाद, नासिक, और कोलकाता से डी नोबिली स्कूल के पूर्व छात्र आए। इस आयोजन में डी नोबिली स्कूल के सभी ब्रांचों के एलुमनी ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और एक-दूसरे से मिलकर भविष्य में भी मिलने का वादा किया।
इस कार्यक्रम की तैयारी पिछले महीने से मयंक सिंह के नेतृत्व में राकेश अमित, कर्नल विजय गौर, सरिता सिंह, और अमित वर्मा जैसे संस्थापक सदस्य कर रहे थे। यह आयोजन एलुमनी को एक मंच प्रदान करने का महत्वपूर्ण अवसर था, जहां पुराने रिश्तों को ताजा करने, अनुभवों को साझा करने और नए कनेक्शन बनाने का मौका मिला। साथ ही, यह एलुमनी द्वारा सेवानिवृत्त प्रशिक्षकों का सम्मान और मदद करने के लिए चलाए गए इस प्लेटफॉर्म की सफलता का प्रतीक बनकर सामने आया।
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